भारत में 2025 मे मौसम का सबसे बुरा हाल: लगातार हो रही बारिश और चमक रही बिजलियाँ:
भारत में 2025 मे मौसम का सबसे बुरा हाल: लगातार बारिश और बिजली की धमकियाँ:
☔⚡भारत में 2025 मे मौसम का सबसे बुरा हाल: लगातार बारिश और बिजली की धमकियाँ इस वर्ष 2025 में भारतीय मानसून की झलक एक निरंतर रूप ले चुकी है। पूरे देश के कई राज्यों में लगातार बारिश और गरज-चमक की आवाज़ें सुनाई दे रही हैं — उत्तराखंड से लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र तक, हर ओर मौसम की अप्रत्याशितता ने अपना असर छोड़ा है।
उत्तराखंड में 5 अगस्त को धाराली (उत्तरकाशी) में बादल फटना:
उत्तराखंड में 5 अगस्त को धाराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने और फ्लैश फ्लड की घटना बेहद घातक साबित हुई। इस प्राकृतिक आपदा ने कई गांवों, होटल और बाज़ारों को तहस-नहस कर दिया। राहत और बचाव कार्य अभी भी सेना, NDRF और SDRF की मदद से जारी हैं।
IMD ने कई राज्यों में भारी बारिश और संभावित अचानक आपदाओं के लिए अलर्ट जारी किए हैं। उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, और असम में आने वाले दिनों में अत्यधिक वर्षा की आशंका जताई गई है।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बारिश और तूफानी मौसम ने सुबह के रूटीन को प्रभावित किया। यमुना नदी खतरे के निशान के करीब पहुँच चुकी है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है।
उत्तर प्रदेश के 23 जिलों में व्यापक बाढ़ से 2.16 लाख लोग प्रभावित:
उत्तर प्रदेश के 23 जिलों में व्यापक बाढ़ से 2.16 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार ने राहत शिविर लगाए, नावों से बचाव किया, भोजन और चिकित्सा सहायता प्रदान की; साथ ही घर और पशुधन की सुरक्षा का ध्यान रखा।
मध्य प्रदेश:
मध्य प्रदेश सरकार ने ₹30 करोड़ की राहत राशि 28,000 से अधिक प्रभावित लोगों को भेजी। राज्य में वर्षा सामान्य से 37% अधिक रही, जिससे लगभग 296 लोग मारे गए और हजारों घर क्षतिग्रस्त हुए।
बिजली गिरने (lightning) की घटनाएं भी इस मानसून में भयावह रूप ले चुकी हैं। केवल अप्रैल से जुलाई को ही बारिश और बिजली गिरने के कारण 1,621 लोग मारे गए, जिसके विवरण गृह राज्य मंत्री ने संसद में साझा किए।
बिहार:
बिहार में इसी सप्ताह बिजली गिरने से कम से कम 33 लोगों की मौत हुई। इनमें ज्यादातर किसान थे जो खुले मैदानों में काम कर रहे थे। सरकार ने परिवारों को मुआवज़ा भी घोषित किया।
कई यात्रियों ने विमान से उतरते समय 20 मिनट तक लगातार बिजली चमकते हुए देखी। यह दृश्य एक विशाल बिजली और गरज की प्रणाली के चलते सम्भव हुआ, जो अक्सर प्री-मानसून या मानसून के दौरान बनती है।
मौसम और जलवायु विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बढ़ते तापमान और बदलता जलवायु मॉडल बिजली गिरने जैसी घटनाओं को ज्यादा घातक बना सकते हैं। वैश्विक तापमान वृद्धि के साथ बिजली गिरने की आवृत्ति и तीव्रता दोनों बढ़ रही हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आईएसРО से मिलकर बिजली गिरने से होने वाली मौतों को रोकने हेतु एक विशेष उपग्रह की संभावना पर विचार किया। यह उपग्रह समय पर चेतावनी देने में मदद कर सकता है।
घाटी क्षेत्रों में बादल फटने जैसी घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। हिमालय में ग्लेशियर झील फूटने और बादल फटने जैसी आपदाएं तेजी से बढ़ रही हैं। उदाहरणस्वरूप, धाराली की घटना इसी श्रेणी में है।
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निष्कर्ष
भारत में 2025 मे मौसम का सबसे बुरा हाल रहा है पिछले कुछ सालों की तुलना मे, इस साल का मानसून केवल पानी की बूंदें नहीं ला रहा — यह चेतावनी भी दे रहा है कि हमें बदलते मौसम और जलवायु से कैसे निपटना है। लगातार बारिश, बिजली गिरना और अचानक आपदाएं हमारी तैयारियों और परिस्तिथि के बीच असंतुलन दिखाती हैं। अब समय है कि हम:
** पूर्व चेतावनी प्रणालियों में सुधार करें**,
आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को सुदृढ़ बनाएं और
स्थायी और जलवायु-लचीली बुनियादी ढांचा तैयार करें।
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